दर्द...... एक कहानी - 1 साहिल कैंथला द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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दर्द...... एक कहानी - 1

मुंबई
शर्मा निवास
एक कमरे से लगातार किसी की रोने की आवाज़ आ रहिये है । ये लड़की और कोई नहीं दिशा है । दिशा शर्मा । राजीव शर्मा की बेटी । दिशा का एक छोटा भाई भी है । आकाश शर्मा । जो दिशा को बहुत चाहता था और support करता था ।आज भी वो अपने मम्मी -पापा के खिलाफ जाकर उसे ही support कर रहा था । इसलिए श्रीमती भावना शर्मा (दिशा और आकाश की माँ )उसे डांटकर चुप करा रहिये है और दिशा रोते -रोते कुछ बबोल रही है ।
"दुश्मनी आप लोगों की है, इसमें मेरी और वैभव की क्या गलती है?" "आप लोग जब देखो तब मुझपर अपनी मर्ज़ी थोपते रहते है ।"चटाक..... की आवाज़ के साथ दिशा को एक थप्पड़ पड़ता है । तभी भावना जी गुस्से मे कहती है "तू अभी इतनी बड़ी नहीं हुई कि अपने फैसले खुद ले सके।" तभी राजीव जी दिशा को समझते हुए कहते है "बेटा तेरी माँ सही कह रही है, कि तू अभी इतनी बड़ी नहीं हुई कि अपने फैसले खुद ले सके ।" तभी दिशा बीच मे ही बात को काटते हुए कहती है। " नहीं पापा मैं काफ़ी बड़ी हो चुकी हूँ और अपने फैसले खुद ले सकती हूँ । मैं कैसे आपको इस बात का यकीन दिलाऊँ? " तब राजीव जी कहते है कि "तुम्हारी कोई पहचान नहीं है, सब तुम्हे मेरे नाम से जानते है ।"दिशा रोना बंद करके खामोश होकर सुन रही थी । कुछ देर कि ख़ामोशी के बाद राजीव जी फिर कहते है "अगर तुम चाहती हो कि हमें तुम्हारे फैसले पर यकीन हो तो ऐसा काम करो कि लोग तुम्हे मेरे नाम से नहीं मुझे तुम्हारे नाम से जाने ।"
इतना बोल कर राजीव जी वहाँ से बाहर चले जाते है और आकाश को भी बाहर आने का इशारा करते है । इशारा पाकर आकाश भी उनके पीछे चलने लगता है । जब राजीव और आकाश कमरे से काफ़ी दूर पहुँच जाते है तब राजीव जी रुकते है और कहते है "बेटा आकाश, दिशा पर नज़र रखना, कहीं कोई गलत कदम ना उठा ले ।" आकाश इस बात को सुनकर उलझ गया पर अपने पापा कि बात मानकर दिशा के कमरे की और बढ़ गया । तभी वो देखता है कि भावना जी दिशा की कमरे से बाहर निकल रही है। तो वी उनको रोक कर पूछता है "दीदी ठीक तो है ना " तभी भावना जी कहती है "तेरी दीदी बिलकुल ठीक है, बहुत मुश्किल से उसे शांत कराया है । जा तू भी अब सो जा, रात काफ़ी हो गयी है ।"भावना जी ने आकाश से बड़े प्यार से कहा । आकाश एक बार दिशा को देखता है और अपने कमरे में चला जाता है । पूरी रात भर दिशा के कन्नोद मे राजीव की शब्द गूँजते रहे । रात्रि के 03:30 बजे दिशा कुछ सोचकर मुस्कुराती है और सो जाती है ।


अगली सुबह 08:45 बजे राजीव भावना जी से पूछते है "दिशा उठी या नहीं?" तो भावना जी कहती है "अरे सोने दो थोड़ी देर, शायद पूरी रात सो ही ना पायी हो ।"तो राजीव हाँ में सर हिला लेते है और कुछ कहने ही वाले होते है कि दिशा कि आवाज़ आती है "गुड मॉर्निंग मम्मा, गुड मॉर्निंग पापा, गुड मॉर्निंग आकाश ।"

सभी दिशा को नार्मल देखकर खुश हो जाते है पर कंफ्यूज भी । पर उन में से कोई कुछ नहीं कहता ।

दिशा सब को खोया -खोया देखकर फेक स्माइल देती है । और बोलती है "अरे आप सब मुझे भूका रखना चाहते है क्या? भूक लगी है मुझे, खाना दो प्लीज । ऑफिस के लिए लेते हो रहा है ।"भावना जी बिना कुछ कहे उसे खाना दे देती है और दिशा खान खाकर ऑफिस चली जाती है ।

दिशा की जाते ही सभी लोग उसके इस अजीब बेहेवियर की बारे मे बात करने लगते है ।



आखिर क्या कारण है दिशा की इस अजीब बेहेवियर का?

जानने की लिए बने रहिए मेरे साथ ।......................



👉👉👉by Sahil Kainthla............